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भारत के दुश्मनों की खैर नहीं! BrahMos-NG मिसाइल से लैस होंगे राफेल और सुखोई-30, बढ़ेगी वायु सेना की ताकत

सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की अगली पीढ़ी BrahMos-NG 2026 के मध्य तक भारतीय वायु सेना को मिल जाएगी. तब वायु सेना के लड़ाकू विमान तेजस, मिग, राफेल और सुखोई-30 BrahMos-NG से लैस होंगे. ब्रह्मोस एयरोस्पेस के सीईओ अतुल दिनकर राणे ने बताया कि सुपरसोनिक क्रूज ब्रह्मोस मिसाइल की अगली पीढ़ी BrahMos-NG का एयर वेरिएंट विकसित और डिजाइन किए जाने की प्रक्रिया में है, इसलिए कंपनी 300 किलोमीटर की रेंज पर विचार कर रही है. 

परीक्षण अगले साल दिसंबर से शुरू होंगे और 2025 के अंत तक चलेंगे

मिसाइल के परीक्षण अगले साल दिसंबर से शुरू होंगे और 2025 के अंत तक चलेंगे. इसके बाद 2026 के मध्य तक यह मिसाइल भारतीय वायु सेना के फाइटर जेट तेजस, मिग, राफेल और सुखोई-30 में लैस होने के लिए तैयार होगी. रूसी एयरफोर्स भी इसे अपने पांचवीं पीढ़ी के सुखोई-57 जेट के अंतिम विकास के बाद खरीदेगी.

जानिए क्या है खासियत ?

BrahMos-NG मौजूदा सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का एक छोटा संस्करण है. यह पहले से ज़्यादा छोटी और हल्की होगी, लेकिन दुश्मन पर अधिक भारी पड़ेगी. इसे ग्राउंड-बेस्ड, एरियल, सरफेस और अंडरवाटर-बेस्ड प्लेटफॉर्म पर तैनात करने के लिए बनाया जाएगा. मिसाइल की लंबाई छह मीटर, व्यास 50 सेंटीमीटर और इसका वजन 1.6 टन है. पहले वाले संस्करण का वजन 3 टन था और उसकी लम्बाई 9 मीटर थी. मिसाइल की मारक क्षमता 290 किमी. और यह 3.5 मैक की गति से उड़ सकती है. BrahMos-NG में कम रडार क्रॉस सेक्शन (RCS) है, जिससे दुश्मन की वायु रक्षा प्रणालियों को इसकी भनक तक नहीं लगेगी. नई मिसाइल में स्वदेशी ESA रडार भी होगा.

कई देशों ने दिखाई दिलचस्पी

भारत से BrahMos-NG खरीदने के लिए अब आसियान देश मलेशिया और इंडोनेशिया भी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. आसियान सदस्य देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमार और कंबोडिया हैं. इसके साथ ही संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, दक्षिण अमेरिका के कई देशों विशेषकर ब्राजील, पश्चिम एशियाई देशों और दक्षिण अफ्रीका ने मिसाइल प्रणाली के ब्रह्मोस-एनजी संस्करण में अपनी रुचि व्यक्त की है. उत्तर प्रदेश ने भी अत्याधुनिक BrahMos-NG के प्रति कई देशों की दिलचस्पी बढ़ता देख उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर (UPDIC) ने भी इसका उत्पादन शुरू करने की प्रक्रिया तेज कर दी है.

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