कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में दिखा दुर्लभ चौसिंगा, जानिए
बस्तर/छत्तीसगढ़ के एकमात्र नेशनल पार्क कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में एक बार फिर दुर्लभ प्रजाति के वन्यजीव देखा गया है। इससे वन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों में खुशी का माहौल है, नेशनल पार्क के भीतर लगाए गए ट्रैप कैमरे में दुर्लभ वन्यजीव चौसिंगा हिरण की फोटो कैद हुई है. इस कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में चौसिंगा को देखा या है, दरअसल, चौसिंगा चार सिंग वाला स्तनपाई जीव हिरण है, जो मूल रूप से भारत और नेपाल में पाया जाता है। हालांकि कैमरे में नजर आने के तुरंत बाद ही यह वन्यजीव कुलांचे भरते हुए राष्ट्रीय उद्यान की वादियों में खो गया।
चौसिंगा हिरण बना आकर्षक
छत्तीसगढ़ में पहली बार चौसिंगा हिरण को देखा गया है,जिसके बाद से नेशनल पार्क प्रबंधन और कर्मचारियों के साथ छत्तीसगढ़ वन विभाग में भी काफी खुशी का माहौल है. बताया जा रहा है कि पार्क प्रबंधन ने हिरणों के बफर जोन में ट्रैप कैमरा लगाकर रखा है और शनिवार को इस कैमरे में चौसिंगा की फोटो कैद हुई है, अब पार्क प्रबंधन इस बात का भी पता लगा रहा है कि चौसिंगा की संख्या एक या एक से ज्यादा है।
कैमरे मे कैद हुई तस्वीरे
नेशनल पार्क के अंदर बफर जोन में लगाए गए ट्रैप कैमरे में एक चौसिंगा की तस्वीर कैद हुई है ,चौसिंगा को अंग्रेजी में फोर हॉर्नड एंटीलोप कहा जाता है, जो प्रायः भारत और नेपाल में पाए जाने वाला हिरण होता है, इस परिवार के अन्य सदस्यों में दो सींग होते हैं जबकि इसके 4 सींग होते हैं, यह सुनहरे हल्के लाल रंग और भूरे रंग के होते हैं.
इसकी ऊंचाई 22 से 25 इंच और अधिकतम 22 किलो का वजनी वन्यजीव होता है, इसके एक जोड़ी सींग दोनों कान के बीच में, जबकि दूसरे जोड़ी सींग आगे की ओर होते हैं, पीछे वाले सींग आगे की अपेक्षा बड़े होते हैं. यह मुख्य रूप से घास, शाक, छोटी झाड़ियों के पत्ते, फूल और फल खाते हैं. वयस्क मादा चौसिंघा एक बार मे एक या दो बच्चों को जन्म देती है. पार्क के डायरेक्टर ने बताया कि ये काफी खुशी की बात है कि इसे छत्तीसगढ़ में पहली बार कांगेर वैली नेशनल पार्क में देखा गया है, वही अब पता लगाया जा रहा है कि इसकी संख्या एक है या एक से अधिक है.
पार्क में है दुर्लभ प्रजाति के वन्यजीव
हजारों हेक्टेयर में फैले कांगेर वैली नेशनल पार्क में इससे पहले भी दुर्लभ प्रजाति के वन्यजीवों को देखा गया है, जो केवल देश में इसी नेशनल पार्क में ही देखने को मिले हैं. जिसमें दुर्लभ प्रजाति की गिलहरी, दुर्लभ प्रजाति के सांप और चमगादड़ के साथ ही अब दुर्लभ प्रजाति के चौसिंगा को भी यहां देखा गया है. फिलहाल पार्क के प्रबंधन का कहना है कि इन दुर्लभ प्रजातियों के जीवो के संरक्षण और संवर्धन के लिए वन विभाग और वाइल्ड लाइफ की ओर से लगातार काम किया जा रहा है।