सुचिता योजना सिर्फ कागजों में कैद ,स्कूलों में मशीन के नाम डब्बा
साल 2017 में 27 जनवरी राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ में सुचिता योजना लागु किया गया था। जिसका उदेश्य स्कूलो में पढ़ने वाली बालिकाओ को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता प्रदान करना था। इस योजना के तहत राज्य के 2000 शालाओं में जहां बेटियां अध्ययनरत हैं, सेनेटरी नैपकिन की एटीएम वेंडिंग मशीन लगाई जाएगी. शुरुआती तौर पर 7200 नैपकिन निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी. उसके बाद दो रूपए में एक नैपकिन दी जाएगी. इस योजना से जहा महिला बाल विकास विभाग ने सुर्खियां बटोरी तो दूसरी तरफ सरकार को भी इसका फायदा हुआ। लेकिन वर्तमान स्थति इसके ठीक विपरीत है। आइये देखते हैं खास रिपोर्ट।
सुचिता योजना के तहत ये तय हुआ कि सेनेटरी पेड के वितरण के लिए मशीन स्कूलों के शौचालयों में लगाई जाएगी। यह योजना बालिकाओं में मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता संबंधित आदतों के विकास तथा निर्बाध शिक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से संचालित की गई थी। यूरोपीय कंपनियों के सहयोग से कन्या शाला व महाविद्यालयों में मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता के उद्देश्य से सेनेटरी नैपकिन की एटीएम वेंडिंग मशीन की स्थापना की गई है इस योजना को औपचारिक शुभारंभ 27 जनवरी 2017 को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर किया गया। योजना में शाला और महाविद्यालय में अध्यनरत बालिकाओं को लक्षित किया गया था। जिसके तहत प्रत्येक महाविद्यालय में एक नग सेनेटरी वेंडिंग मशीन तथा भस्मक तथा 10000 सेनेटरी पैड प्रदान करने का प्रावधान है।
वर्तमान में इस योजना की बात करे तो कागजी रिकार्ड में 3697 हाई स्कूल हाई सेकेंडरी स्कूल महाविद्यालय में सेनेटरी वेंडिंग मशीन एवं भस्मक इकाइयां लगाई जा चुकी है ल. वित्तीय वर्ष वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में प्रावधान राशि अनुसार 1100 लाख में से 1000 हाई हायर सेकेंडरी स्कूल में सेनेटरी वेंडिंग मशीन एंब्रोसमक इकाइयां स्थापित की गई है लेकिन जमीनी हकीकत क्या है इसे जानना जरुरी है।